Local Train में स्वचालित दरवाज़े क्यों नहीं होते?

मुंबई की Local Train शहर की जीवनरेखा मानी जाती हैं, जो रोजाना लाखों यात्रियों को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाती हैं।

लेकिन इन ट्रेनों में दुर्घटनाओं की संख्या भी काफी अधिक है। एक महत्वपूर्ण कारण है स्वचालित दरवाजों की कमी।

मुंबई Local Train में दुर्घटनाएं

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मुंबई की Local Train अत्यधिक भीड़भाड़ वाली होती हैं। पिछले वर्ष, मुंबई उपनगरीय रेलवे नेटवर्क में 2590 लोगों ने अपनी जान गंवाई, जिनमें से अधिकांश हादसे ओवरक्राउडिंग की वजह से हुए।

कई बार यात्री भीड़ के कारण ट्रेन से बाहर गिर जाते हैं, और कई बार प्लेटफॉर्म पर चढ़ते समय फिसल कर ट्रेन के नीचे चले जाते हैं। रेलवे क्रॉसिंग के दौरान होने वाले हादसे भी इस आंकड़े में शामिल हैं।

स्वचालित दरवाजों का महत्व

स्वचालित दरवाजों का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे Local Train से गिरने की घटनाओं में कमी आएगी। जब दरवाजे स्वचालित होंगे, तो ट्रेन के चलते समय दरवाजे बंद रहेंगे, जिससे कोई यात्री गिर नहीं पाएगा।

इसके अलावा, प्लेटफॉर्म पर चढ़ते और उतरते समय भी दुर्घटनाओं का खतरा कम हो जाएगा।

स्वचालित दरवाजे न होने के कारण

संचालन में कठिनाई

मुंबई Local Train प्रत्येक स्टेशन पर 30 से forty सेकंड, अधिकतम 60 सेकंड तक रुकती हैं। इतनी कम समय में हजारों लोग ट्रेन में चढ़ते और उतरते हैं।

अगर स्वचालित दरवाजे लगा दिए जाएं, तो ट्रेन का रुकने का समय बढ़ जाएगा, क्योंकि दरवाजे खुलने और बंद होने में समय लगेगा। इससे ट्रेन की समय-सारणी पर असर पड़ेगा और ट्रेनों में देरी होने लगेगी।

भीड़ की समस्या

मुंबई Local Train में अत्यधिक भीड़ होती है। इतनी भीड़ के बीच स्वचालित दरवाजे ठीक से काम नहीं कर पाएंगे।

चलती ट्रेन में उतरना और चढ़ना मुंबई की लोकल ट्रेनों का एक आम दृश्य है। अगर स्वचालित दरवाजे लगा दिए जाएं, तो यह चलन बंद हो जाएगा, जिससे यात्रियों को परेशानी होगी।

वेंटिलेशन का मुद्दा

स्वचालित दरवाजे लगने पर ट्रेन के अंदर का वेंटिलेशन भी प्रभावित होगा। वर्तमान में, खुले दरवाजे ट्रेन के अंदर वेंटिलेशन में मदद करते हैं।

अगर दरवाजे बंद हो जाएंगे, तो ट्रेन के अंदर गर्मी और कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर बढ़ जाएगा, जिससे यात्रियों को असुविधा होगी।

लागत और रखरखाव

स्वचालित दरवाजे लगाने की लागत काफी अधिक है। इसके अलावा, इन दरवाजों का रखरखाव भी चुनौतीपूर्ण है।

इन्हें बनाए रखने के लिए उच्च तकनीकी स्किल की जरूरत होगी, जिससे रेलवे की मेंटेनेंस लागत भी बढ़ जाएगी।

रेल्वे का अक्षम प्रशासन

रेलवे प्रशासन की अक्षमता भी एक बड़ा कारण है। मुंबई का लोकल ट्रेन नेटवर्क कई दशकों से अपग्रेड नहीं हुआ है। ब्रिटिश काल के दौरान बनाए गए कई लाइनों की क्षमता अब तक बढ़ाई नहीं गई है। मुंबई में वंदे मेट्रो प्रोजेक्ट और सीबीटीसी सिगनलिंग जैसी परियोजनाएं अभी तक पूरी नहीं हो पाई हैं।