Siddharth Anand और Hrithik Roshan की नई मूवी ‘Fighter’ ने बॉलीवुड में हलचल मचा दी है। जैसे-जैसे हम फिल्म की बारीकियों में उतरते हैं, यह स्पष्ट हो जाता है कि इससे जुड़ी उम्मीदें और वास्तविकताएं दर्शकों और फिल्म निर्माताओं दोनों के लिए एक उतार-चढ़ाव वाली सवारी हैं।
क्या उम्मीदें थी “Fighter” मूवी से दर्शक और फिल्म निर्माता को ?
यह मूवी मासस्य अपील (massy appeal) और Siddharth Anand की अनूठे दृष्टिकोण के कारण लोगों के बीच की चर्चा में रही और इससे उच्च उम्मीदों लगाए जाने लगी। इसके teasers, trailer, और प्रमोशन इतनी appealing थी की लोग बात करने लगे की ये Next high-octane commercial entertainer होगी और ये नया बेंचमार्क्स (benchmarks) set करेगा।
Reality Check: Fighter का Box Office पर प्रदर्शन।
जब हम Fighter का Box Office पर प्रदर्शन देखते हैं, तो कहानी कुछ और बोलती है। ऐसा लगता है कि फिल्म अपेक्षित प्रदर्शन से पीछे रह गई है, जिससे दर्शकों के बीच इसकी स्वीकृति पर सवाल उठ रहे हैं। सिनेमा की दुनिया में यह सामान्य बात है कि above-average movies को बॉक्स ऑफिस में संघर्ष करना पड़ता है, जिसके कारण फिल्म निर्माताओं को पुराने और आजमाए हुए तरीकों का सहारा लेना पड़ता है।
सप्ताह 1:
- Opening Day: ₹22.5 Cr
- First Weekend: ₹89.5 Cr
- Week 1 Total: ₹146.5 Cr
सप्ताह 2:
- Second Weekend: ₹41 Cr
- Second Week Total: ₹41 Cr
सप्ताह 3:
- Third Weekend (so far): ₹3.15 Cr
Overall Total:
- Overall Collection: ₹196.05 Cr
Fighter Movie की क्या Identity रही है अब तक।
Fighter Movie को ‘मसाला फिल्म‘ या ‘Mass movie‘ के नाम पर सिनेमा में लाए गए, हालांकि सामान्य मसाला फिल्मों की तुलना में इसकी स्थिति थोड़ी बेहतर है। फिल्म एक नए दृष्टिकोण का पता लगाने का प्रयास करती है, और भले ही इस फ्लिम से जितना उम्मीद लगाई गई थी उसमे अपेक्षित प्रदर्शन तक नहीं पहुंच पाई, लकिन ये एक Pure ‘मसाल’ फ्लिम हैं।
Baradwaj Rangan’s Perspective: Celebrating Cultural Identity
फिल्म समीक्षक (film critic) Baradwaj Rangan के साथ हाल ही में एक साक्षात्कार में, सिद्धार्थ आनंद का बॉलीवुड की सांस्कृतिक पहचान की खोज के प्रति झुकाव स्पष्ट हो गया। Rangan भारतीय सांस्कृतिक तत्वों को जाने और उससे मानाने के महत्व पर जोर देते हैं। सांस्कृतिक पहचान से फ्लिम पर ‘positive‘ और कथा में सांस्कृतिक गहराई जोड़ता है।
Exploiting the Formula of Songs: 10 साल पुराने गाने की तरीके।
फ़िल्म निर्माता (film makers) अक्सर सफल फ़ॉर्मूले का पुन: उपयोग करते हैं। हालांकि, एक दुविधा है कि वह इस फॉर्मूले का उपयोग करते हुए असफल रहा है। चुनौती यह है कि सफल फ़ॉर्मूले और नए पसंद आने वाले तत्वों के बीच में एक सही संतुलन खोजने में है।
Siddharth Anand’s Signature Style
प्रत्येक फिल्म निर्माता की एक अपनी पहचान होती है, और Siddharth Anand का भी अपना फिल्म मेकिंग स्टाइल है। फाइटर Anand Sir की आकर्षक गानों से लेकर देशभक्ति के क्षेत्र तक, हमें यह मसाला बॉलीवुड तत्वों की आनंद की प्रवृत्ति को प्रदर्शित करता है। डर इस बात का है कि यह फिल्म निश्चित दर्शक वर्ग को आकर्षित कर सकती है, और क्या यह व्यापक दर्शकों की अपेक्षाओं के अनुरूप है।
Re-Creating the Formula: काम नई हैं, लेकिन पूरा प्रभाव नहीं डाल पाई।
पिछली सफलताओं और फार्मूला का जादू फिर से कायम करना फिल्म उद्योग में एक आम रणनीति है। हालाँकि चुनौती इस बात की है दोहराने और नए तत्वों को लाने के बीच संतुलन बनाने में है। फाइटर ने अच्छी कोसिस किया और एक अच्छी फ्लिम बनाए परन्तु पूरी तरह से सफल नहीं हो पा रहा है।
Aggressive marketing से उम्मीदें उलटी पड़ गईं।

Image: Viralbollywood youtube video
फाइटर के मार्केटिंग ने दर्शकों की अपेक्षाओं को आकार दिया है। मसाला teasers और Massy Vibe प्रोमोशंस ने इसे हाई-एनर्जी वाणिज्यिक मनोरंजन फिल्म के रूप में स्थापित किया है। हालांकि, फिल्म में टोनल बदलावों के कारण दर्शकों को कुछ हद तक भ्रमित कर दिया है, जिससे इसे Above average और Mixed Reviews मिल रहे हैं।
Fighter Isn’t Bad: सकारात्मकता को पहचानना
यह पहचानना जरूरी है कि ‘फाइटर’ कोई बुरी फिल्म नहीं है। Hrithik Roshan का प्रदर्शन उनकी अभिनय चमकता है, और फिल्म में काफी शानदार क्षण हैं। हालांकि, चुनौती दर्शकों की अपेक्षाओं को प्रबंधित करने और फिल्म के प्रचार संदेश के साथ संरेखित एक सुसंगत कथा देने में है।